चुपचाप–चुपचाप
करनिडिया राट
बस्, कहुँ कुक्कुर भुँकट
कहुँ गिडार अवाइट
कहुँ जोग्नि डिया बारट
कहुँ कन्फोर चिँगैरन बोलट
टे, कहुँ डट्टावन गुजरि बोलट
इहिसे ढेउर कुछ पटा नै हो
टीकापुर निडाइल बा कि जागल बा ?
कबो–कबो इहे डग्गर हुइटि
हौका–बयाल, आँढि चलठ
ओ घुघुवाइठ, रुखबरिखके पटिया हँगिया
जसिक मनैनके जियामे
निडाइल हिर्डक ढक्ढिउरा
समुन्डरके डुम्मा उठेहस
छल्कठ डुम १ डुम ११
बस्, टब्बे टब्बे लागठ
टीकापुर निडाइल बा कि जागल बा ?
जब–जब सावन भाडो लागठ
लागठ, मनैनके जिया–जियामे
सब–कुल सब सैलाफ १
मनो हेरो, उ सुडुर बस्टिमे
घर–घरमे राह लागल
जरके भुवक घुरौरा लागट
ओ भुवक भौगर सिठमारमे सुटल
मनो, कोइ खिट्कोर टे हेरे १
डेख लेहो,
ठौंहिँ भौगरिक झर्सल मनुख डेँह
टब पुँछ्यो
टीकापुर निडाइल बा कि जागल बा ?
डन्कल आगिक लहरमे
घोज–घोज, घोज–घोज रिझ्टिरहल रकट हेरो
किट्टाइल भालम साम लगाइट
कुर्हार–टेंगारि हुलट
हँसिया–मुँडार कचोटट
ओ हाँठक सिँक्रि टुरक लग
झ्यालखाना भस्काइल लग
हैँचिक टाना बल लगाइटा
आब पुँछो
टीकापुर निडाइल बा कि जागल बा ?
हेरो,
झुराइल बगिया फुलाइट
बुजा लागल मुँह बोलट
नुँकल–छप्कल मनै
कोचियक सागहस कपार उठाइट
ओ बाँसक कर्लाहस कपार ठार्ह करट
सुनसान, सुनसान घर–अँगनामे
सजना मैना, झाल–कस्टार, मृडङ–मडरा बजट
परडेस भागल डाडु–भैया गाउँ लौटट
सडभावमे हाँठमे हाँठ मिलाइट
ओ जियासे जिया भरट
आब पुँछो
टीकापुर निडाइल बा कि जागल बा ?
थारू लेखक संघ नेपालसे ‘बरल टीकापुर’ साहित्य अभियान २०७९ अन्तर्गत रचल कविता ।
प्रकाशित:
९५१ दिन अगाडि
|
२७ साउन २०७९
५६ मिनेट अगाडि
|
७ चैत २०८१
८ दिन अगाडि
|
२९ फागुन २०८१
११ दिन अगाडि
|
२६ फागुन २०८१
१२ दिन अगाडि
|
२५ फागुन २०८१
१८ दिन अगाडि
|
१८ फागुन २०८१
२२ दिन अगाडि
|
१४ फागुन २०८१
२३ दिन अगाडि
|
१३ फागुन २०८१
८९१ दिन अगाडि
|
२५ असोज २०७९
९२६ दिन अगाडि
|
२१ भदौ २०७९
९३६ दिन अगाडि
|
१२ भदौ २०७९
८९१ दिन अगाडि
|
२६ असोज २०७९
८४० दिन अगाडि
|
१५ मंसिर २०७९
८९६ दिन अगाडि
|
२० असोज २०७९
८२९ दिन अगाडि
|
२७ मंसिर २०७९