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लवका वरिस, जुरशीतल आ बरका मेला

लवका वरिस, जुरशीतल आ बरका मेला

मुना चौधरी

लवका वरिसमे चैतके निन्हलाहा वैशाख १ गतेअर्थात् लवका वरिसके दिन खाइछै । चैतके अन्तिम दिन बरी, कचरी, पकौरी, बैगनी, चप, पियाजी बनाइछै । या फोफी फुलाइछै । सजुवाइन, अलहु, परोरके तरूवा तरैछै तेलपौर रोटी, दाइल बला रोटी, खिर, पुरी,  ठकुवा या जिलेबि बनाइछै ।

साझतकमे मर मेजवानसब झरैले लागैछै ।  लवका वरिसमे आफन्त सब एक दोसरके घर मेजवानी जाइछै  । मर मेजवानसब आबैछै तेकरवाद मर मरमेजवान या घरवैसा मिलके खाना खाइछै या पुरनका सालके बिदाह करैछै। बिहानके के परोसिया या आफन्तसब  येक दोसरसे 
लवका वरिसके शुभकामना आदानप्रदान करैछै । तेकरबाद जलखैमे चैतके निन्हलाहा तरूवा बगहरूवा या तेलपौर रोटी खाइछै । येकरे कहैछै चैतके निन्हलाहा वैशाखमे खेनाइ ।

बिहाने घरघरमे छगरा, खसी काटैछै । भातमे बास्मती चौरके भात, खसीके मौस, रहाइरके दाइल, अलहुके सनुवा या तरू वावगहरूवा, बरी कचरी खाइछै  । मर मेजवान या घरवैसासब मिलके मासु भात ख्याके सिरहा जिल्लाके लहान भोटियाटोलके सलहेश फुलवाइर मेला देखैले जाइछै । आइ मेलाके फुलवारी मेला सोहो कहैछै। सलहेश फुलवाइरके गहवर अगारीके गाछमे चैत मैहनाके अन्तिम दिन फुलके कोपिला टुसाइछै या वैशाख १ गते फुल फुलैछै । यहया जादुमय फुल या मेला  देखैले नेपालभितरके या भारतीय दर्शनार्थीसब आबैछै । यी मेला दुई दिन लागैछै । चैत मैहनाके अन्तिम दिन लागैवला मेलाके कनकि मेला कहैछै । वैशाख १ गते लागैवला मेलाके बरका मेला कहै छै । यहै दिन मणिक दह, पताइर पोखैर, सिरहा बजार, कमल दहमे या गाम गाममे मेला लागै छै ।

मेला देखके आबैछै तेकरबाद । गाममे राइतभोइर नाच हैछै । गामके सबकोइ राइतभोइर जाग्राम रैहके नाच देखके लवका वरिस मनाइछै । बिहानके घरके बुज्रुक सब आपन शाखा सन्तानके मुरीमे जुर पाइन द्याके सैब दिन शान्त या शीलत रहे कैहके आशिर्वाद दैछै । बुज्रुकसबके टाङमे जुर पाइन द्याके गोर लागैत शाखा सन्तान सब बुज्रुकसबसे आशिर्वाद थापै छै । येकरे कहै छै जुरशीतल ।

वैशाख २ गते  लहान न. पा.  मे  पकडियागढ मेला लागैछै । लवका वरिसके दोसर दिन सक कोइ पकडियागढ मेला देखैले जाइछै  । तेकरवाद वैशाख मैहनाभोइर सप्तरी जिल्लामे शम्भुनाथ मेला लागै छै । मैहना भोइर मेला देखके  या आफन्त सबके भेटके तराईबासीसब लवका वरिस मनाइछै । यहाँ सब लवका वरिस कनङ्खे मनाइचियै ? प्रतिक्रियामे कहु ।

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