सुर्खेतक वीरेन्द्रनगरमा एक समारोहके बिच राष्ट्रिय थारु कलाकार मञ्च शाखा सुर्खेतसे संस्कृति पर्यटन तथा नागरिक उड्डययन मन्त्रालयसे भासा, साहित्य विधाम क्षेत्रीय प्रतिभा पुरस्कार (२०८०) से सम्मानित हुइलकम थारु साहित्यकार मानबहादुर चौधरी पन्ना सम्मानित हुइल बाट ।
राष्ट्रिय थारु कलाकार मञ्च शाखा सुर्खेतके पैल्हा साधारण सभा ओ अइटि रलक बर्का डस्या ओ डेवारिक शुभकामना लेउडेउ कार्यक्रमम पन्नाह कर्णाली प्रदेशके वरिष्ठ कलाकार एवम् बर्का पहुना प्रेमदेव गिरी सम्मान पत्र डेल रलहिन् । पैल्हा साधारण सभाम संस्थासे कैगिल मेरमेरिक कार्यक्रमके आर्थिक वर्ष २०८०/०८१ ऋसार मसान्तसमके एक लाख ६१ हजार ७ सय ६५ रुप्या बराबरके आय व्यय प्रस्तुत कर्ल रलह ।
साधारण सभा कार्यक्रमम अध्यक्ष राजु चौधरीसे प्रस्तुत कैगिल आर्थिक ओ प्रगति प्रतिवेदन सर्वसम्मतसे पारित हुइल रह । अध्यक्ष चौधरी अइना दिनम संस्थाह आम्हिन् सशक्त रुपम बह्रैटि कलाकारिता एवम् सांस्कृतिक क्षेत्रम आघ लैजिना बाट ढर्ल । थारु भासा साहित्य कला संस्कृतिम विशिष्ट योगदान कैक राज्यसे सम्मानित हुइलक्म साहित्यकार पन्नाह हार्दिक बधाई डेगिल बट्टोइल । कला साहित्यम असल मार्गदर्शन कर्ना उहाँ हमार समाजके अगुवा हुइट कल ।
कार्यक्रमके वरिष्ठ कलाकार एवम् बर्का पहुना प्रेमदेव गिरी– ‘सुर्खेतके रङ्गमञ्चके इतिहास २०२९ सालठेसे विकास हुइलक हो । थारु गाउँघरम फेन थारु समुदाय थारु गिटबास जोगैटि अइल । आब इ कला संस्कृतिह अम्हिन् मैगरसे संरक्षण कर पर्ना ब्याला आस्याकल यकर लाग थारु युवा जुर्मुरैल बाट इ खुसिक बात हो कल । सुर्खेतसे थारु भाषा, साहित्य कला संस्कृतिम कलम चलुइया मानबहादुर पन्ना राष्ट्रसे क्षेत्रीय प्रतिभा पुरस्कार पैना कलक थारुनके गौरबके बात हो । कर्णाली प्रदेश चिन्हैना काम कर्ल इ खुसिक बात हो कैक हार्दिक बधाई डेटि आगामी दिनम घैखरसे कलम चलोस् कना शुभकामना डेल ।
ओसहख विशिष्ट पहुना थारु कल्याणकारिणी सभाके केन्द्रीय सदस्य कृष्ण बहादुर थारु – थारुनके भाषा साहित्यके इतिहासम सगुनलाल चौधरी सुरुआत करल गोचाली पत्रिका २०२८ पहिल पत्रिका हुइलक जिकिर कर्टि सुर्खेतसे थारु भाषा साहित्यम कलम चलैना, थारु पत्रिका निकर्ना एवम् गितबास संस्कृति बारेम कलम चलैना साहित्यकार पन्नाक विशिष्ट योगदान रहल बा । उहा कल₋ धनसम्पत्ति फिर्ता हुइठ तर भाषा, साहित्य, संस्कृति हेराइल कलसे कब्बु फिर्ता निहुइठ ओहमार आगामी दिनम लौव लौव पुस्ता हुक्र फे भाषा साहित्यम कलम चलाइ पर्ना आवश्यकता रलक धारणा व्यक्त कर्ल । साहित्यकार लेखक मानबहादुर चौधरी पन्नाअसक और स्रष्टा जन्म परल कना टिप्पणी कर्ल ।
कार्यक्रमम थारु कल्याणकारिणी सभाके थारु कल्याणकारिणी सभाके केन्दीय सदस्य मान बहादर चौधरी – थारु समुदायम संस्कृतिको अथाह भण्डार हुइलक ओहर्से थारु पहिचान बचाइ पर्ना जिकिर कर्टि सबजे मिल्ख अगारि बह्र पर्नाके विकल्प नि रहल जिकिर कर्ल । कार्यक्रमम विमेरमेरिक गाउँक थारु नाच प्रस्तुत कर्ल रलह ।
कार्यक्रमम थारु अगुवा समाजसेवी जागुराम बहादुर थारु, मानविर थारु, दुर्गबहादुर थारु, शेरबहादुर थारु लगायतके वक्ता हुक्र थारुनके कला संस्कृति बचाइक् लाग एकजुट हुइटि आघ बह्रपर्ना बातम जोड डेल रलह । थारु भासा, साहित्य, कला, संस्कृति, सभ्यता, मूल्य मान्यताह संरक्षण करक लाग युवा पुस्ता ओ पुरान पुस्ता डुनु पक्षह जोर्टि एकजुट होख आघ बह्रक लाग पुर्खा हुक्र सरसल्लाह ओ सहयोग डिह पर्ना जरुरी रहल आउर बोलुइयन औल्यइल रलह । कार्यक्रमके सञ्चालन कलाकार जेबि डेमनडौरा कर्ल रलह ।
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